आखिरकार अफगानिस्तान में तालिबान सरकार का गठन हो ही गया। तालिबान की अंतरिम सरकार में मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को अफगानिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया गया है। तालिबान के पिछले शासन के अंतिम वर्षों में मुल्ला हसन अखुंद ने अंतरिम प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभाली थी। अब्दुल गनी बरादर और मुल्ला अब्दुल सलाम को उप-प्रधानमंत्री बनाया गया है। तालिबान की सरकार में सिराज हक्कानी को आंतरिक मामलों का मंत्री यानी गृह मंत्री बनाया गया है। तालिबान के मुख्य प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को अहम जिम्मेदारी दी गई है। तालिबान के सह-संस्थापक रहे अब्दुल गनी बरादर को उप प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। मुल्ला गनी बरादर अमेरिका के साथ वार्ता का नेतृत्व कर चुके हैं। बरादर ने अमेरिका के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत अमेरिका पूरी तरह अफगानिस्तान से बाहर निकल गया था।तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब को रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। खूंखार हक्कानी नेटवर्क के नेता सिराजुद्दीन हक्कानी को आंतरिक मामलों का मंत्री बनाया गया है। इसके अलावा सिराजुद्दीन हक्कानी को तालिबान के उपनेता की जिम्मेदारी भी दी गई है। काबुल में एक सरकारी कार्यालय में तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, “यह सिर्फ कार्यकारी सरकार है और आगे पूरी सरकार के गठन पर काम होगा। तब तक मुल्ला हबीबुल्लाह अखुंदजादा मंत्रिमंडल के संरक्षक होंगे।” तालिबान के प्रवक्ता ने आगे कहा कि हम देश के अन्य हिस्सों से भी लोगों को इस कैबिनेट में शामिल करने की कोशिश करेंगे।
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